Abhaagi Ka Swarg Sarat Chandra Chattopadhyay Chali Kahaani Episode 33
Updated on:12 October, 2020 11:22 AM IST |
उस समय उसके नेत्रों से झर-झर पानी बरसने लगा. वह मन-ही-मन कहने लगी,‘सौभाग्यवती मां, तुम स्वर्ग जा रही हो-मुझे भी आशीर्वाद देती जाओ कि मैं भी इसी तरह कंगाली के हाथों अग्नि प्राप्त करूं.’ लड़के के हाथ की अग्नि! यह कोई साधारण बात नहीं. पति, पुत्र, कन्या, नाती, नातिन, दास, दासी, परिजन-सम्पूर्ण गृहस्थी को उज्जवल करते हुए यह स्वर्गारोहण देखकर उसकी छाती फूलने लगी-जैसे इस सौभाग्य की वह फिर गणना ही नहीं कर सकी.
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